रविवार, 2 मई 2021

Dreamy Droshky App

AM MAGAZINE


नमस्कार,

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सोमवार, 22 मार्च 2021

A Day of Friendship

 / एक दिन दोस्ती का

भाग-3

अब तक आपने पढा:-

कि मानव और मनन आपस में मिलते हैं। मनन एक  E-Shop  चलाता हैं और  Private Tuition  पढाता हैं। मानव फिलहाल बेरोजगार हैं। दोनों की जान-पहचान होती हैं। फिर मनन श्रुति से मिलता हैं। श्रुति उसे अपनी कहानी बताती हैं। मनन उसे  Help करने  का  Promise करता है। और अपने परिवार से मिलवाता हैं। फिर मनन श्रुति को मानव से मिलाने ले जाता हैं। जिससे वे दोनों मिलकर श्रुति की मदद कर सके।

अब आगे:- 

Restaurant Outside 
Credit- dreams time


श्रुति और मनन एक  Restaurant  में पहुँचते हैं।  अन्दर जाकर वे एक टेबल पर बैठते हैं जो मनन ने पहले से ही बुक कर रखी थी।  थोडी देर में मानव भी वहाँ आता हैं। मनन, मानव और श्रुति को एक-दूसरे से मिलवाता हैं। मानव को देखते ही श्रुति  Surprise  हो जाती हैं। 5.6"  Height, Smart, Dashing, Fit & Slim, Well Dressed. वैसे मनन भी दिखने में  Smart  और  Dashing  था। लेकिन शायद  Tension  में श्रुति ने नोटिस नहीं किया हो।  श्रुति की नजरें मानव से हट ही नहीं रही थी। तभी मनन ने चुटकी बजा कर श्रुति का ध्यान भंग किया। मनन:- क्या हुआ ! कहाँ खो गई ? श्रुति:- कुछ नहीं। 

Restaurant Inside 
Credit- dreams time


 तीनों बैठते हैं। तभी वेटर आता हैं। तीनों काॅफी और स्नैक्स का ऑर्डर  देते हैं। ऑर्डर लेकर वेटर चला जाता हैं। मनन मानव को श्रुति के बारे में बताता हैं। और कहता हैं कि कुछ Solution  हो तो बताओ। मानव:- सबसे पहले तो  Thanks  कि हम आज ही मिले हैं और तुमने मुझे अपना दोस्त समझकर बुलाया। मनन:-  Thanks  की कोई बात नहीं। श्रुति और मैं भी आज ही मिले हैं। और फिर दो लोग मिल कर सोचेंगे तो  Solution  जल्दी और आसानी से निकल आयेगा। मानव:- ये भी ठीक है। श्रुति दोनों की बातें ध्यान से सुन रही थी। तभी वेटर काॅफी और स्नैक्स लेकर आता है। तीनों काॅफी पीने लगते हैं।

मानव:- श्रुति जाॅब की दिक्कत नहीं है। तुमने  Graduation  कर रखा है और तुम  MBBS  भी कर रही हो। तो जाॅब तो आसानी से लग जायेगी। रहा सवाल रहने का तो तुम  As a Paying Guest  रह सकती हो। मनन:-  हाँ पर ऐसी जगह जहाँ लोग अच्छे और जानकार हो। मानव:-   ऐसी एक जगह हैं। एक बुजुर्ग दंपति है। जिनके यहाँ श्रुति  As a Paying Guest  रह सकती है। वैसे श्रुति तुम्हारे यहाँ भी रह सकती है।  As a Paying Guest.  तुम अच्छे भी हो और जानकार भी। वैसे भी तुम अपनी पत्नी और भाभी के साथ रहते हो तो कोई दिक्कत भी नहीं होगी। मनन:-  ओ, Hello! मेरी शादी नहीं हुई है। अभी तक। मानव:- तो सुबह फिर वो। वो मेरी भाभी की शादीशुदा बहन हैं। और हमारे साथ ही रहती हैं। मैं और दीक्षा बचपन से ही अच्छे दोस्त हैं। 

Credit- Story blocks 

तभी श्रुति कहती हैं!  नहीं मैं तुम्हें और ज्यादा परेशान नहीं करना चाहती। मैं उन  Couple  के यहाँ ही  Paying Guest  रह लूंगी। वैसे भी तुम दोनों पहले ही मेरी बहुत मदद कर रहे हो। Both of you, Thanks for Everything! लेकिन  Don't mind!  मनन मुझे भी लगा कि दीक्षा तुम्हारी  Wife  हैं। वैसे कब से सिर्फ हम मेरे बारे में ही बात कर रहे है। मेरे बारे में तुम दोनों सब जान गये। लेकिन तुम दोनों के बारे तो मुझे कुछ पता ही नहीं। पहले तुम्हारे बारे में बात करते हैं। चलो अब तुम दोनों अपने बारे में बताओ। मानव:- क्योंकि हम सब मनन की वजह से मिले हैं। तो पहले मनन से ही शुरू करते है। हाँ तो मनन शुरू हो जाओ। 

Village View 

मनन:- हम पास ही के गाँव से हैं। गाँव में खेती-बाडी हैं। जिसे मम्मी-पापा ने अपनी देखरेख में बँटाई पे दे रखा हैं। हम दो भाई हैं। भैया एक सरकारी कृषि वैज्ञानिक हैं। मैंने  Commerce  से  Graduation  किया है। भाभी और दीक्षा के पति अजय गाँव में हमारे पडौसी हैं। हम सब बचपन से ही साथ हैं। हमारी स्कूल और कालेज की पढाई भी साथ ही हुई हैं। भैया-भाभी की Graduation Complete   हुई तब मैं अजय और दीक्षा 1st Year  में थे।

Village University 

 भैया-भाभी और अजय-दीक्षा की शादी बचपन से ही तय थी और शुरू से ही वे एक-दूसरे को पसंद भी करते थे। तो Graduation  के बाद घरवालों ने भैया-भाभी की शादी कर दी। शादी के 6 महीने बाद भैया आगे Agriculture Science  में  M.Sc. और फिर  P.H.D. की पढाई के लिए दूसरे शहर में रहने लगे। वे हर साल छुट्टियों में घर आते थे।

Marriage   

हम तीनों भी अपनी  Study  हो  Busy  गये। और  Graduation  के बाद अजय और दीक्षा की भी शादी हो गई। और श्याम भी 2 साल का हो गया था। शादी के 2 महीने बाद ही अजय की एक प्राइवेट कम्पनी में जाॅब लग गई। जिसके कारण अजय अकसर ट्यूर पर ही रहता था। अजय अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। ऐसे में तीनों घरों का ख्याल मुझे ही रखना था। मैं ट्यूशन लेने लगा और खेती-बाडी में पापा का हाथ बँटाने लगा। करीब सालभर बाद मुझे मेरे एक दोस्त का  Offer  आया। वो  Higher Studies के लिए Abroad  जा रहा था। वो अपनी E-Shop  सेल करना चाहता था। मैं भी कोई काम देख रहा था। तो मैंने उससे यह शाॅप खरीद ली। जो अभी मेरे पास है। शुरू में मैं गाँव से अप-डाउन करता था। फिर एक दिन जब अक्षर करीब 5.6 महीने का था। तब एक दिन उसकी तबीयत अचानक काफी बिगड गयी। गाँव में इलाज नहीं हुआ तब हमने उसे यहाँ शहर में डाॅ0 को दिखाया। उसके लीवर में प्राॅब्लम थी। 

Doctor Checkup 


लगातार 6 महीने तक उसका इलाज चला। तब जाकर वो पूरी तरह से ठीक हो पाया। लेकिन रोज गाँव से अप-डाउन संभव नहीं था। तो हमें यहाँ शिफ्ट होना पडा। तब से ही भाभी दीक्षा और मैं यहाँ रह रहें है। 2 साल पहले भैया की  Government Job  लगी है। अजय भी  अब मैनेजर बन गया है। लेकिन वे दोनों काम की वजह से अकसर ट्यूर पर ही रहते हैं। गाँव में हम सब के माता-पिता एक परिवार की तरह रहते हैं। खेती भी संयुक्त रूप से बटाई पर दे रखी है। हम सब गाँव जाते रहते है। 

Shifted City house 


क्रमशः- 

आगे की कहानी में हम जानेंगे ! मनन की कहानी में कोई Twist है क्या?  और मानव की कहानी क्या है? श्रुति की मदद के लिए मानव और मनन क्या करते है। इन तीनों का  Relationship  आगे क्या रहता है?


To Read Part 1st:-                      






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शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

Signal App Kya Hai ? in Hindi (Knowledge & Intro)



                                                                Signal App

Signal App Icon

 

Signal App:- भूमिका-प्रस्तावना

 हैलो! दोस्तो! जैसा कि चर्चा में हैं और आप सबने सुना होगा। आजकल  सब की जुबान पर एक नये मैंसेंजिंग एपलिकेशन Signal App की काफी चर्चा है। यह काफी वायरल हो रहा है। जब से व्हाट्सअप ने अपनी नई Privacy Policy  घोषित की है। तब से ही सिग्नल ऐप की लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि देखने में आ रही हैं। और इसका कारण है। हमारी Online Security  जिसकी  उपेक्षा करना हमारे लिए काफी गंभीर हो सकता है। यही वजह हैं जो गोपनीयता को महत्वपूर्ण मानने के कारण सिग्नल ऐप लोगों के बीच इतना लोकप्रिय हो रहा हैं। तो आइए जानते हैं! Signal App के बारे में विस्तार से।

Signal App:- इतिहास

स्टार्टअप एवम् बैकग्राउण्ड

सिग्नल भी  व्हाॅट्सअप की तरह ही एक मैंसेजिंग ऐप हैं। जो कि व्हाॅट्सअप की तरह ही  End To End Encryption Massaging App  हैै। सिग्नल सन् 2014  में लाॅन्च हुआ था। इसे एक साॅफ्टवेयर डवलपमेंट ग्रुप {OWS} ओपन व्हिस्पर सिस्टम द्वारा अपने दूसरे संस्करण के रूप में पेश किया था।


इस ग्रुप की स्थापना सन् 2010  में व्हिस्पर सिस्टम नाम से एक स्टार्टअप के तौर पर  दो सह-संस्थापकों  Mr{Moxie Marlinspike}  एक {Security Researcher}  एवम् एक {Roboticist} Mr{Stuart Anderson}  ने मिलकर की थी। इसके तहत उन्होंनें सर्वप्रथमMobile Security Software Program बनाये। जिसमें से एक था  Encrypted Texting Program {Text Secure} के नाम से और दूसरा था Encrypted Voice Calling App {Red Phone} के नाम से।

Text Secure Icon 

                               
Red Phone Icon
credit-- png tree

                                                                                                                     







साथ ही इन्होंनें डेटा के अन्य प्रकारों को  Encrypt  करने के लिए  अन्य  Products {Firewall & Tools} भी विकसित किये। ये सभी Mobile Security Software Program बीटा वर्जन में केवल Android के लिए ही उपलब्ध थे। जिसका मालिकाना हक पूर्णतया व्हिस्पर सिस्टम के पास था। 

Signal App:- अधिग्रहण

सन्  2011नवम्बर  में व्हिस्पर सिस्टम ने Declaration दिया कि टिवट्रर द्धारा उसका अधिग्रहण कर लिया गया हैं। ऐसा माना जाता है कि कंपनी द्वारा अधिग्रहण के तहत किये गये सौदे के बारे में वित्तीय शर्तों का कोई खुलासा नहीं किया गया था। हाँलाकि अधिग्रहण की प्रक्रिया हुई थी। और अधिग्रहण का उद्देश्य था। स्टार्टअप को अपनी सुरक्षा में सुधार करने में मदद करना। 

लेकिन अधिग्रहण के थोडे समय बाद ही व्हिस्पर सिस्टम की {Red Phone} सेवा प्रयोग के लिए उपलब्ध नही थी। और इसके लिए स्टार्टअप को आलोचना का सामना भी करना पडा था। हाँलाकि बाद में टिवट्रर द्वारा GPLv3 लाइसेंस के अन्र्तगत  Free & Open Source Software  के तौर पर {Text Secure} को दिसम्बर 2011 में और {Red Phone} को  जुलाई 2012  में पुन: जारी किया गया। 

Signal App:- पुन: स्थापना

लेकिन कुछ समय बाद  Marlinspike ने टिवट्रर छोड दिया। और उन्होंनें एक सहयोगी ओपन सोर्स प्रोजेक्ट के तौर पर {OWS} ओपन व्हिस्पर सिस्टम की स्थापना की। जिसके अन्र्तगत उन्होंनें सन् 2013 जनवरी  में {OWS} की वेबसाइट लाॅन्च की। ताकि वे {Text Secure} और {Red Phone} को और ज्यादा व निरन्तर विकसित कर सके।

सन् 2014 फरवरी   में  Marlinspike ने ओपन व्हिस्पर सिस्टम के तहत  {Text Secure} का दूसरा संस्करण प्रस्तुत किया। जो कि  End to End Encrypted Group Chat  और  Instant Messaging जैसी सुविधाओं से लैस था। इसके बाद ओपन व्हिस्पर सिस्टम ने  सन् 2014 में  ही जुलाई महीने  में सिग्नल की प्रारंभिक रिलीज की घोषणा की। {Open Whisper Systems} का Plan था। सिगनल को {Text Secure} और {Read Phone} के Integrated  Version के तौर पर ios Application  पर लाॅन्च करना।

घोषणा के साथ ही ios Application के लिए जुलाई 2014  में {Read Phone} को और उसके बाद  मार्च 2015  में {Text Secure} को Compatibility  जोडा गया। और इस तरह सिग्नल एक  Free और Easy Encrypted Voice Call & Messaging देने वाला पहला  ios App  बना। 

आगे {Open Whisper Systems} का उद्देश्य था। सिग्नल को {Read Phone} और {Text Secure} के संयुक्त वर्जन के तौर पर  Android  पर पेश करना। और {OWS} ने यह कर दिखाया  सन् 2015 नवम्बर   में सिग्नल को  Android  के लिए लाॅन्च कर दिया गया। अब ये  Android  और  ios App  दोंनों पर उपलब्घ था। और इस तरह सिग्नल पूर्णतया अस्तित्व में आया। लेकिन अभी तक सिग्नल मोबाइल के लिए ही उपलब्घ था।


Android Icon
           
ios  Icon








और एक महीने बाद ही ओपन व्हिस्पर सिस्टम ने कहा- कि सिग्नल को क्रोम के साथ लिंक किया जा सकता हैं। अत: अब सिग्नल डेस्कटाप पर भी उपलब्घ था। लेकिन फिलहाल इसे केवल Android Version  के साथ ही जोडा जा सकता था। फिर {OWS}  ने  26 सितम्बर 2016  को इसके ios Version की क्रोम के साथ लिंक होने की घोषणा की। और इसके बाद  सन् 2017 मार्च   में ओपन व्हिस्पर सिस्टम ने सिग्नल के Calling System को Upgrade  करने के साथ ही  Mobile App  से  Video Calling  की  Facility  को भी जोडा। 

लेकिन इसके बाद ओपन व्हिस्पर सिस्टम ने  सन् 2017-31- अक्टूबर   को Declaration  दिया कि उन्होंनें सिग्नल लिंक को क्रोम से हटा दिया हैं। लेकिन यह विंडोज लाइनेक्स व मैकओएस वितरण के लिए जारी रहेगा। और इसके लिए {OWS} एक {Electron Framework} Based Standalone Desktop Client जारी करेगा।

Signal App:- वर्तमान 

 फरवरी 2018  में  Marlinspike  ने  Brain Action {Whats App's Co-Founder}  के साथ मिलकर सिग्नल फाउण्डेशन की स्थापना की। और  नवम्बर 2019 से फरवरी 2020  के बीच सिग्नल  I-pad  के लिए उपलब्ध हुआ। जून 2020  मे सिग्नल ने एक नये फीचर को जोडा जिसमें उपयोगकर्ता अपने फोटो में चेहरे को धुंधला दिखा सकता था। सन् 2020 अगस्त-सितम्बर  में सिग्नल में संदेश अनुरोंधों और डेस्कटाप पर  Video Calling  की सुविधा को जोडा गया। 

 सन् 2020  में ही  अक्टूबर से दिसम्बर   के बीच में दो नये फीचरों का समावेश किया गया। एक था !  Encrypted Group Chat System  और  दूसरा था !  Encrypted Group Voice Calling.  इसके साथ ही सिग्नल अब अपने उन्नत स्वरूप में  User  केे  Encrypted Verified Call & Massages भेजने की क्षमता के कारण काफी लेकप्रिय  और सन् 2021 जनवरी   से Google Play  से  Millions  में  Download  किया जा रहा हैं।     

Signal App:- वित पोषित एवम् अनुदान

ऐसा नही है कि सिग्नल फाउण्डेशन बनने के बाद ही यह एक गैर-लाभकारी संस्था है। वास्तव में यह शुरू से ही एक अनुदान पर आघारित संगठन के तौर कार्यरत हैं। इसका उदाहरण है। सन् 2014 मई   में  Marlinspike  द्वारा की गई घोषणा। जिसमें उन्होंनें कहा- कि ओपन व्हिस्पर सिस्टम एक परियोजना है। और पैसा कमाना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। लेकिन उस समय ओपन व्हिस्पर सिस्टम एक गैर-लाभकारी साॅफ्टवेयर समूह के तौर पर ही जाना जाता था। एक संस्था के तौर पर नही।

सन् 2013 से 2016 तक ओपन व्हिस्पर सिस्टम को विभिन्न संस्थाओं द्वारा वित पोषित किया गया था। जो इस प्रकार हैं। 

{The Shuttle worth  Foundation} {The Knight Foundation} {Open Technology Fund}   

  ओपन व्हिस्पर सिस्टम को शुरू से ही विकास और परामर्श हेतु एक राजकोषीय प्रायोजक के तौर पर  Press Foundation  द्वारा Funded  किया जा रहा था। जब तक सिग्नल फाउण्डेशन एक गैर-लाभकारी संस्था के तौर पर स्थापित नही हो गया।

Signal App:- गठबंधन और निवेश     

सन् 2018-21-फरवरी  को  Marlinspike ने  Brain Action {Whats App's Co-Founder}  के साथ Collaboration किया। और सिग्नल को एक सर्वसुलभ एवम् सर्वव्यापी संचार सुविधा के तौर पर गति प्रदान करने के लिए व्यापक समर्थन देने हेतु एक गैर-लाभकारी संगठन सिग्नल टेक्नोलाॅजी फाउण्डेशन और एक सहयोगी {Signal Messenger LLC}  बनाने की घोषणा की। फाउण्डेशन को शुरू करने के लिए  Brain Action  ने 50 मिलियन डाॅलर का निवेश किया। यह एक तरह का ऋण था। और यह  सन् 2018 दिसम्बर  तक लगभग दोगुना हो चुका था। जिसे  सन् 2068  में चुकाया जाना था। 

 

Signal Messenger Icon
 और इस तरह इसका नामकरण हुआ।
Signal Messenger के तौर पर। सिग्नल मैसेंजर के CEO बने  Marlinspike  और  Brain Action  
कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त हुए। क्योंकि यह एक
 गैर लाभकारी संगठन था इसलिए  
 सन् 2019 फरवरी   मे सिग्नल पूरी तरह से Text-Free हो गया। 
  सन् 2020  तक सिग्नल एक गैर-लाभकारी संस्था
 के तौर पर ही संचालित था।                                 

                                                 

       


सन् 2021 जनवरी   में  Tech-Billionaire Elon-Mask  ने सिग्नल ऐप के पक्ष में अपना समर्थन देते हुए  Tweet किया कि  Use Signal  और कहा- कि अतीत में उन्होंनें सिग्नल को आर्थिक समर्थन दिया है आगे बढने में। और भविष्य में भी वे ऐसा करते रहेंगें।

Signal App:- कार्यप्रणाली

सिग्नल ऐप सिग्नल फाॅउण्डेशन और सिग्नल LLC द्वारा विकसित एक  End to End Encrypted Massaging Service  हैं। यह I-Phone, I-pad, Windows, Android, Mac, ios & Linux  सभी पर  उपलब्घ हैं।  इसके द्वारा  Single & Group में  Chat, Voice & Video Call  किये जा सकते हैं। इसके द्वारा  Files, Photo & Video आदि भी शेयर कर सकते है। साथ ही इसे  Android में  Default Massaging App  के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 

सिग्नल एक  Free & Open  सोर्स  Software हैं। जो कि  Free Software Licence  के अन्तर्गत GitHub पर Available  है। इसका सर्वर कोड AGPLv3  Licence  के अन्तर्गत और ग्राहक  GPLv3  Licence  के अन्तर्गत  Registered   हैं। जो कि TLC द्वारा संरक्षित हैं। 

सिग्नल को यूज करने के लिए जरूरत होती है। एक फोन नंबर की। यह फोन नंबर एक  Landline  or VoIP  Number  भी हो सकता हैं। फोन नंबर के द्वारा सिग्नल यूजर की  Identity   को  Verify  करता हैं। जिसमें  Password, Finger-Print & QR Code  शामिल हैं। इसके अलावा सिग्नल डिफाॅल्ट रूप से आपकी Phone-Book को एक्सेस करता हैं। जिससे आप यह जान सकते हैं कि आपके  Contact  में से कौन सिग्नल पर है और कौन नहीं।   

  एक नंबर के द्वारा एक मोबाईल डिवाइस पर ही सिग्नल को यूज किया जा सकता हैं। सिग्नल का कहना हैं- कि सर्वर पर किसी भी तरह की  Log-Details  नहीं रखी जाती कि किसी ने किसी से कब सपंर्क किया। साथ ही सिग्नल में एक अन्य विकल्प भी होता है। रिले-काॅल का। जिसमें यूजर अपने  IP Address  को बताये बिना काॅल कर सकता हैं। इसमें काॅल सिग्नल के सर्वर द्वारा की जाती है। हाँलाकि सिग्नल सभी के लिए इसे आवश्यक नही मानता। और पहचान को सुरक्षित रखने के लिए सिग्नल यूजर को अपनी फोटो को धुंधला करने की सुविधा प्रदान करता है। 

सिग्नल पर सभी संदेशों को सिग्नल प्रोटोकोल के तहत संचालित किया जाता हैं। तथा यह संदेशों को बैकअप से बाहर रखता हैं। सिग्नल में सभी संदेशों को यूजर  Single & Group  में दोंनों तरह से समान रूप से मैनेज कर सकता हैं। Group  में आप किसी को जोड सकते हैं और किसी ग्रुप को छोड भी सकते हैं। 

इसमें टाईपिंग इन्डिकेटर को  On-Off  करने का विकल्प भी यूजर को मिलता हैं। साथ ही यूजर अपने सभी प्राप्त संदेशों को पढने के लिए  Read-Indicator  को भी  On-Off  कर सकता हैं। जिससे कोई अन्य व्यक्ति पढते समय आपके संदेशों देख नही सके।  सभी संदेश  Encrypted होते हैं और यूजर के डिवाइस पर ही संग्रहीत रहते हैं। खुद सिग्नल या अन्य कोई उन्हें एक्सेस नही कर सकता।

 क्योंकि एक्सेस करने के लिए उसी डिवाइस की आवश्यकता होगी जिस पर संदेश  Send & Receive  किये गये हैै।  सिग्नल में संदेशों को पढने के बाद उन्हें एक निश्चित समय अन्तराल में स्वत: ही हटाने के लिए टाइमर की सुविधा भी उपलब्ध हैं। टाइमर यूजर खुद सेट कर सकते है। इसके अलावा यूजर  Android   पर सिग्नल को अपने डिफाॅल्ट SMS के तौर पर भी यूज कर सकते हैंे। जिससे यूजर अपने सभी SMS भी  Encrypted  रूप से  Send & Receive  सकते है। 

Signal App:- डेटा 

Signal  की टैग लाइन है:- { Say Hello To Privacy} और यह बात सिग्नल की गोपनीयता नीति में दिखाई देती हैं। जिसके अनुसार सिग्नल यूजर की कोई भी  Important  जानकारी एकत्रित या सेव नही करता। जैसे- आपका  IP Address, Contact & Device's Details, Cookies, Location & Bank-Transactions आदि। 

डेटा के तौर पर सिग्नल यूजर का केवल फोन नंबर ही सेव करता है। और  User Account  बनाने के लिए कुछ अन्य जानकारीए जिसमें  Password, Photo & Profile Name  आदि शामिल हैं। जो  User Account  बनाने और संचालित करने के लिए आवश्यक होती हैं। और पूरी तरह से  Encrypted  होती हैं। एवम् सिग्नल इन्हें अन्य किसी भी तीसरे पक्ष से न तो साझा करता है और न ही सिग्नल यूजर डेटा के बेचान और मुद्रीकरण का कार्य करता है।   


Signal App:- आत्मवलोकन एवम् स्वविचार

Dear Friends ! यह है सिग्नल के बारे में संक्षिप्त और बेसिक जानकारी। जिसे इस लेख के द्वारा आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया हैं। जैसे कि- सिग्नल ऐप क्या है ? कैसे बना ? कैसे काम करता है ? इसके फाॅउण्डर कौन है ? आदि कुछ बेसिक जानकारी देने का यह एक छोटा सा प्रयास इस लेख में किया गया है। यह लेख इस सिग्नल ऐप को यूज करने के पक्ष-विपक्ष या उपयोगी-अनुपयोगी होने के बारे में किसी भी तरह की कोई राय जाहिर नही करता है। और ना ही अन्य किसी और ऐप के साथ इसकी तुलना के बारे में कोई बात करता है। इस लेख में आपको सिग्नल ऐप के बारे में संक्षिप्त जानकारी और परिचय दिया गया है। इसके उपयोग और अनुपयोग के बारे में निर्णय आपका खुद का है।    

 

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Disclaimer:- इस लेख में प्रस्तुत की गई सभी जानकारीयाँ न्यूज एवम इन्टरनेट पर आघारित है।



मंगलवार, 26 जनवरी 2021

Republic Day of India 72nd 26/01/2021

                                 गणतन्त्र्ा दिवस 26 जनवरी 2021 (72वाँ )

       गणतन्त्र्ा दिवस   स्वतंत्र्ा भारत की सच्वी भावना का प्रतिनिधित्व करता हैं। आज ही के दिन हमारे भारत देश का संविधान लागू हुआ था। जिससे हमारा देश एक स्वतंत्र्ा गणराज्य बनके स्थापित हुआ। इसी सम्मान में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को हम पूरे भारतवर्ष में गणतन्त्र्ा दिवस बडे उत्साह से मनाते हैं। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व हैं। इस दिन को राष्ट्रीय ध्वज फहराकर हमारी भारतीय सेना के तीनों अंगों पुलिस व सभी सैनिक बलों की शानदार परेड व भारत के सभी राज्यों द्वारा अपनी संस्कृति एवंम विशिष्टता का प्रदर्शन करते हुए मनाया जाता हैं। इस बार हम भारतीय 26 जनवरी 2021 को अपना 72 वाॅ  गणतन्त्र्ा दिवस समारोह मना रहे हैं।


गणतन्त्र्ा दिवस सन्दर्भ:-

             हमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र्ाा प्राप्त हुई। हमारे देश पर 200 वर्षों से अंग्रेजों का शासन था। माननीय राष्ट्रपिता हम सबके प्यारे बापू आदरणीय महात्मा गाँधी जी के नेत्रत्व और मार्गदर्शन में एवम् अनेक माननीय जननायकों श्री बाल गंगाधर तिलक जी  श्री लाला लाजपत राय जी  नेताजी  श्री सुभाष चन्द्र बोस जी  श्री भगत सिंह जी  श्री चन्द्रशेखर आजाद जी आदि अनेक अनगिनत स्वतंत्र्ाता सेनानियों के अतुलनीय बलिदान और योगदान से काफी संघर्ष और लंबे स्वतंत्र्ाता संगा्रम के बाद ब्रिटिश शासन  से हमें आजादी मिली। उनके इसी संघर्ष  योगदान एवम बलिदान को याद करते हुए उनके सम्मान में हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसी दिन हमारे प्यारे बापू ने देश की आजादी प्रगति और विकास के लिए अपना बलिदान दिया था।

        अत: स्वतंत्र्ाता दिवस भी हमारा एक और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व हैं। इसी दिन से हमें स्वाभिमान और सम्मान से जीने की आजादी और हक प्राप्त हुआ था। अब हम स्वतंत्र् थे। लेकिन अभी हमारे पास अपना स्थायी संविधान नहीे था। अत: 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान को शासन दस्तावेज के रूप में एक लोकतांत्र्ािक सरकार प्रणाली के साथ हमारे देश में लागू किया गया। जिससे हमारा देश एक नवगठित स्वतंत्र्ात गणराज्य के तौर पर स्थापित हुआ। इसलिए 26 जनवरी को सम्मान के साथ राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता हैं। और हमारे देश की इस एकता  और अखण्डता को और मजबूत एवम संगठित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा हमारे देश के प्रथम माननीय गहमंत्र्ाी जी श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का । 

गणतन्त्र्ा दिवस इतिहास:-

        हमारे देश भारत ने सन 1947 में 15 अगस्त को लंबे एवम संघर्षपूर्ण स्वतंत्र्ाता आंदोलन के बाद ब्रिटिश राज से स्वतंत्र्ाता प्राप्त की थी। तब अस्तित्व में आया हमारा भारतीय स्वतंत्र्ाता अधिनियम 1947। माननीय श्री पं0 जवाहर लाल नेहरू जी ने हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्र्ाी जी के रूप शपथ ग्रहण कर अपना कार्यकाल प्रारम्भ किया। लेकिन अभी तक भी हमारे देश के पास अपना एक स्थायी संविधान नहीं था। बल्कि हमारे संवैधानिक कानून संशोधित औपनिवेशिक सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित थे।  जिसके तहत लार्ड माउण्टबेटन को भारत का प्रथम गर्वनर जनरल नियुुक्त किया गया। 

        सर्वप्रथम आजादी से पूर्व 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा ने नई दिल्ली के संविधान भवन में पहली बार मुलाकात की। और उसके बाद 29 अगस्त 1947 को  एक Drafting Committee की नियुिक्त का प्रस्ताव पारित हुआ। जिसके तहत माननीय बाबा साहब डाॅ0 श्री भीमराव अंबेडकर जी  को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। हमारे देश भारत का स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए। इसके बाद 4 नवंबर 1947 को समिति ने संविधान का एक प्रारूप तैयार कर संविधान सभा के सामने प्रस्तुत किया।

        इसके बाद स्वतंत्र्ात भारत के लिए एक स्थायी संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए संविधान सभा ने अपने इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में लगभग 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन के समय में 166 कार्य दिवसों में विधानसभा के 308 सदस्यों और जनता के साथ खुले सत्र्ाों में विस्तत चर्चा की। कई विचार विमर्शों और संशोधनों के बाद 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने संविधान को  अपनाया।  24 जनवरी 1950 को विधानसभा के सभी 308 सदस्यों ने संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों ( एक हिन्दी की और एक अंग्रेजी की ) हस्ताक्षर किए। 

        26 जनवरी 1950 को इतिहास रचते हुए हमारा संविधान पूरे प्रभाव में आया। और उस दिन माननीय डाॅ0 श्री राजेन्द्र प्रसाद जी  भारतीय गणतांत्र्ाित संघ के अध्यक्ष और प्रथम राष्ट्रपति बने और अपना प्रथम कार्यकाल प्रारम्भ किया। संविधान सभा को भारत के नए संविधान के प्रावधानों के तहत गणतंत्र्ा भारत की संसद के रूप में गठित किया गया। हमारे भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान हैं। यह तारीख 26 जनवरी 1950 इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज की गई हैं।

       गणतंत्र्ा दिवस 26 जनवरी को मनाने की वजह थी। वह तिथि जिस तारीख 26 जनवरी 1929 को भारतीय राष्ट्रीय काॅग्रेस द्वारा ब्रिटिश शासन द्वारा प्रस्तावित डोमियन स्थिति के विपरीत भारत की  स्वतंत्र्ाता के लिए पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। और हमारे संविधान ने हमें शक्ति दी पूर्ण स्वराज की ! स्वंय की सरकार का स्वंय चुनाव कर स्वंय शासन करने की शक्ति।

गणतन्त्र्ा दिवस प्रतिनिधित्व एवम प्रतीक:-

           गणतन्त्र्ा दिवस  26 जनवरी  इस ऐतिहासिक दिन को हम सभी पूरे भारतवर्ष में उत्साह के साथ उत्सव के रूप में देशभक्ति के साथ मनाते हैं। मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में एवम इसके अतिरिक्त सभी राज्यों की राजधानी में देश के सभी स्कूलों  और कार्यालयों में भी गणतन्त्र्ा दिवस महोत्सव उत्साह से मनाया जाता हैं। यह हमारे स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक हैं। गणतन्त्र्ा दिवस हमारे भारत  के प्रति हमारी सच्ची राष्ट्र भावना का प्रतिनिधित्व करता हैं। इस तारीख के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं:-  भारत के सभी राज्यों द्वारा भारत की संस्कति और इतिहास को केन्द्रित करते हुए राष्ट्रीय एवम स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शनए हमारी सैन्य परेड एवम हमारा राष्ट्रीय ध्वजए हमारा तिरंगा जो हमारे भारत की आन बान और शान का प्रतीक हैं।

गणतन्त्र्ा दिवस परेड:-

         सर्वप्रथम गणतन्त्र्ा दिवस  परेड का आयोजन 26 जनवरी 1950 को पहली बार भारत की राजधानी दिल्ली के इरविन स्टेडियम में हुआ था। उसके बाद से यह सिलसिला अब तक प्रतिवर्ष चला आ रहा हैं। 26 जनवरी 1950 को माननीय डाॅ0 श्री राजेन्द्र प्रसाद जी ने Government House के दरबार हाॅल में हमारे भारत देश के प्रथम राष्ट्रपति जी के रूप में शपथ ग्रहण की। इसके बाद इरविन स्टेडियम में भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारा तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण के बाद परेड का आयोजन किया गया। सन 1950 से 1954 लगातार 4 वर्षों तक गणतन्त्र्ा दिवस परेड का आयोजन इरविन स्टेडियम पर हंआ करता था। 

First Republic Day Parade

          उसके बाद से अब तक हर वर्ष गणतन्त्र्ा दिवस समारोह राजधानी दिल्ली में राजपथ लाल किले पर आयोजित किया जाता हैं। परेड का आयोजन भारतीय रक्षा मंत्र्ाालय द्वारा किया जाता हैं। समारोह के दौरान गणतन्त्र्ा दिवस की परेड रायसीना हिल से प्रारम्भ हो कर जनपथ इण्डिया गेट से होते हुए लाल किले पर हमारे भारत के माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी को सलामी देते हुए सम्पन्न होती हैं। यह दूरी करीब 8 किलोमीटर के आस-पास होती हैं। परेड का आयोजन सूर्य की किरणों के साथ बडे पैमाने पर भव्य रूप से किया जाता हैं।


                 कार्यक्रम का शुभारम्भ दिल्ली के इण्डिया गेट पर अमर जवान ज्योति और राजघाट पर माननीय प्रधानमंन्नी जी एवम माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी और  माननीय उप राष्ट्रपति जी द्वारा माल्यार्पण करके किया जाता हैं। फिर माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा झण्डारोहण किया जाता हैं। झण्डारोहण के बाद राष्ट्रगान गाया जाता हैं। फिर भारतीय  सेनाओं के कंमाण्डर इन चीफ होने के नाते माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी का  हमारी सेना के सशस्त्र जवानों द्वारा अभिवादन के साथ परेड का शुभारम्भ किया जाता है। परेड के दौरान माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी को सलामी देते हुए हमारी भारतीय सेना के तीनों अंगों:- जल सेना थल सेना वायु सेना जवान जाँबाज योद्धा हमारे सैनिक भाई अपने-2 आधिकारिक बैड के साथ मार्च पास्ट करते हुए हमारे भारत की सैन्य एवम रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। 


         सभी राज्यों द्वारा विभिन्न प्रकार की झाँकियों के प्रदर्शन के द्वारा भारत की पारम्परिक और सामाजिक एवम सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया जाता हैं। अर्द्ध सैनिक बल एवम पुलिस बल के विभिन्न दल भी परेड में हिस्सा लेते है। परेड में विभिन्न स्कूलों के छान्न भी भाग लेते हैं। परेड हमारे भारतीय गणतन्त्र्ा दिवस समारोह का मुख्य आकर्षण हैं। जिसके द्वारा हमारी सम्रद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता में हमारे भारत की एकता दिखाई देती हैं। भारतीय वायु सेना के जाँबाज जवानों द्वारा लडाकू विमानों से उडान भरते हुए माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी को सलामी देते हुए एक "Fly Past" के साथ परेड का समापन होता हैं। विमानों द्वारा भारतीय झंडे के रंगों मंे छोडे गये धुए से आकाश में तिरंगा लहराने लगता हैं। 



 इस बार भी 26 जनवरी  2021 को हमारे 72 वें राष्ट्रीय गणतन्त्र्ा दिवस समारोह के शुभ अवसर पर नई दिल्ली में राजपथ लाल किले पर परेड का आयोजन किया जायेगा।     

गणतन्त्र्ा दिवस पुरस्कार समारोह:-

             गणतन्त्र्ा दिवस पर हमारे माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा नागरिकों को उनके श्रेष्ठ कार्यों के लिए हर साल विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। ये हैं  पद्म पुरस्कार । इन्हें भारत रत्न ( भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) के बाद दूसरे सबसे बडे नागरिक पुरस्कार का सम्मान प्राप्त हैं। ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाते हैं। 

1 प्रथम         पद्म विभूषण  (असाधारण एवम विशिष्ट सेवा के लिए )

2 द्वितीय पद्म भूषण (एक उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए )

3 तृतीय पद्म श्री (प्रतिष्ठित सेवा के लिए )

     

ये सभी पुरस्कार गणतन्त्र्ा दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन में वितरित किये जाते हैं। गणतन्त्र्ा दिवस की पूर्व संध्या पर ही माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी अपने उद्बोधन से राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

इन पुरस्कारो के अतिरिक्त गणतन्त्र्ा दिवस पर झण्डारोहण और राष्ट्रगान के पश्चात् माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा हमारे सैनिकों को उनकी उच्चतम श्रेणी की वीरता प्रदर्शित करने के लिए पुरस्कृत करते हैं। ये पुरस्कार सैनिकों को राष्ट्र की रक्षा के लिए दिए उनके सर्वोच्च बलिदान और अतुलनीय योगदान के लिए दिये जाते हैं। ये पुरस्कार हैं:- 

परम वीर चक्र

वीर चक्र

महावीर चक्र

साथ ही गणतन्त्र्ा दिवस पर निस्वार्थ: बलिदान के साथ वीरतापूर्ण असाधारण कार्य करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्र्ाी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार वितरित किये जाते हैं।

गणतन्त्र्ा दिवस बीटिंग रिट्रिट समारोह:-

         बीटिंग द रिट्रिट समारोह एक बहुत ही पुरानी सैन्य परम्परा हैं। सूर्यासत के समय युद्ध विराम के पश्चात् जब सेनायें शिविरों में वापस लौटती थी। तब  अस्त्र-शस्त्र को उतार कर सम्मान के साथ उनके उचित स्थान पर रख दिया जाता था। झण्डे नीचे उतार दिये जाते थे। यह समारोह हमें उसी समय की याद दिलाता हैं।

         यह समारोह भी 1950 से ही मनाया जा रहा हैं। सर्वप्रथम भारतीय सेना के जाँबाज मेजर राॅबर्टस ने सामूहिक बैंड के साथ स्वदेशी रूप में समारोह का आयोजन किया था। हर साल 29 जनवरी को गणतल्त्र्ा दिवस समारोह के 4 दिवसीय जश्न के अन्तर्गत बीटिंग द रिट्रिट समारोह का आयोजन किया जाता हैं। समारोह के मुख्य अतिथि माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी होते हैं। उनके अंगरक्षक उन्हंे सलामी देते हैं। भारत का राष्ट्रीय गान बजाया जाता हैं। इसके बाद भारतीय सेना के सामूहिक बैंड वादन के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता हैं। समारोह राष्ट्रीय गर्व की घटना के रूप में मनाया जाता हैं। सेना के सैन्य बैंड विभिन्न भारतीय धुनों पर बैंड वादन के साथ अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।

गणतन्त्र दिवस आत्मवलोकन एवम स्व-विचार:-

         गणतन्त्र दिवस और स्वतन्त्रता दिवस हमारे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। यह हमारे स्वाभिमान और स्वतन्त्रता के प्रतीक हैं। हम अपनी सम्रद्ध सांस्कृतिक विरासत और बहुआयामी विविधता के साथ विश्व की सबसे प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। समय के साथ अपने आप को बदलते हुए हमनें अपनी इस धरोहर को सहेज कर रखा है। स्वतन्त्रता के पश्चात् हमने सभी क्षेत्रों में बहुआयामी प्रगति की है। और सह सब सम्भव हुआ है। उन अनगिनत शहीदों के कारण जिनके त्याग और बलिदान के कारण हमें एक स्वतन्त्र और गणतन्त्र भारत में आजादी और सम्मान के साथ जीने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन सभी को हमारा कोटि-2 नमन। हमारा कर्तव्य है कि उनके आदर्शों पर चलते हुए हम अपने गणतन्त्र भारत की एकता अखण्डता स्वाभिमान और संप्रभुता को संगठित रखते हुए निरन्तर प्रगति पथ पर आगे बढते रहे। और उन सबका एवम अपने देश का नाम विश्व पटल पर सदा जगमगाता रहे।

                                                           जय हिन्द जय भारत

गणतन्त्र दिवस की हार्दिक-2 शुभकामनायें  



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