गणतन्त्र्ा दिवस 26 जनवरी 2021 (72वाँ )
गणतन्त्र्ा दिवस स्वतंत्र्ा भारत की सच्वी भावना का प्रतिनिधित्व करता हैं। आज ही के दिन हमारे भारत देश का संविधान लागू हुआ था। जिससे हमारा देश एक स्वतंत्र्ा गणराज्य बनके स्थापित हुआ। इसी सम्मान में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को हम पूरे भारतवर्ष में गणतन्त्र्ा दिवस बडे उत्साह से मनाते हैं। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व हैं। इस दिन को राष्ट्रीय ध्वज फहराकर हमारी भारतीय सेना के तीनों अंगों पुलिस व सभी सैनिक बलों की शानदार परेड व भारत के सभी राज्यों द्वारा अपनी संस्कृति एवंम विशिष्टता का प्रदर्शन करते हुए मनाया जाता हैं। इस बार हम भारतीय 26 जनवरी 2021 को अपना 72 वाॅ गणतन्त्र्ा दिवस समारोह मना रहे हैं।
गणतन्त्र्ा दिवस सन्दर्भ:-
हमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र्ाा प्राप्त हुई। हमारे देश पर 200 वर्षों से अंग्रेजों का शासन था। माननीय राष्ट्रपिता हम सबके प्यारे बापू आदरणीय महात्मा गाँधी जी के नेत्रत्व और मार्गदर्शन में एवम् अनेक माननीय जननायकों श्री बाल गंगाधर तिलक जी श्री लाला लाजपत राय जी नेताजी श्री सुभाष चन्द्र बोस जी श्री भगत सिंह जी श्री चन्द्रशेखर आजाद जी आदि अनेक अनगिनत स्वतंत्र्ाता सेनानियों के अतुलनीय बलिदान और योगदान से काफी संघर्ष और लंबे स्वतंत्र्ाता संगा्रम के बाद ब्रिटिश शासन से हमें आजादी मिली। उनके इसी संघर्ष योगदान एवम बलिदान को याद करते हुए उनके सम्मान में हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसी दिन हमारे प्यारे बापू ने देश की आजादी प्रगति और विकास के लिए अपना बलिदान दिया था।
अत: स्वतंत्र्ाता दिवस भी हमारा एक और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व हैं। इसी दिन से हमें स्वाभिमान और सम्मान से जीने की आजादी और हक प्राप्त हुआ था। अब हम स्वतंत्र् थे। लेकिन अभी हमारे पास अपना स्थायी संविधान नहीे था। अत: 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान को शासन दस्तावेज के रूप में एक लोकतांत्र्ािक सरकार प्रणाली के साथ हमारे देश में लागू किया गया। जिससे हमारा देश एक नवगठित स्वतंत्र्ात गणराज्य के तौर पर स्थापित हुआ। इसलिए 26 जनवरी को सम्मान के साथ राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता हैं। और हमारे देश की इस एकता और अखण्डता को और मजबूत एवम संगठित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा हमारे देश के प्रथम माननीय गहमंत्र्ाी जी श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का ।
गणतन्त्र्ा दिवस इतिहास:-
हमारे देश भारत ने सन 1947 में 15 अगस्त को लंबे एवम संघर्षपूर्ण स्वतंत्र्ाता आंदोलन के बाद ब्रिटिश राज से स्वतंत्र्ाता प्राप्त की थी। तब अस्तित्व में आया हमारा भारतीय स्वतंत्र्ाता अधिनियम 1947। माननीय श्री पं0 जवाहर लाल नेहरू जी ने हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्र्ाी जी के रूप शपथ ग्रहण कर अपना कार्यकाल प्रारम्भ किया। लेकिन अभी तक भी हमारे देश के पास अपना एक स्थायी संविधान नहीं था। बल्कि हमारे संवैधानिक कानून संशोधित औपनिवेशिक सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित थे। जिसके तहत लार्ड माउण्टबेटन को भारत का प्रथम गर्वनर जनरल नियुुक्त किया गया।
सर्वप्रथम आजादी से पूर्व 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा ने नई दिल्ली के संविधान भवन में पहली बार मुलाकात की। और उसके बाद 29 अगस्त 1947 को एक Drafting Committee की नियुिक्त का प्रस्ताव पारित हुआ। जिसके तहत माननीय बाबा साहब डाॅ0 श्री भीमराव अंबेडकर जी को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। हमारे देश भारत का स्थायी संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए। इसके बाद 4 नवंबर 1947 को समिति ने संविधान का एक प्रारूप तैयार कर संविधान सभा के सामने प्रस्तुत किया।
इसके बाद स्वतंत्र्ात भारत के लिए एक स्थायी संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए संविधान सभा ने अपने इस ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में लगभग 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन के समय में 166 कार्य दिवसों में विधानसभा के 308 सदस्यों और जनता के साथ खुले सत्र्ाों में विस्तत चर्चा की। कई विचार विमर्शों और संशोधनों के बाद 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने संविधान को अपनाया। 24 जनवरी 1950 को विधानसभा के सभी 308 सदस्यों ने संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों ( एक हिन्दी की और एक अंग्रेजी की ) हस्ताक्षर किए।
26 जनवरी 1950 को इतिहास रचते हुए हमारा संविधान पूरे प्रभाव में आया। और उस दिन माननीय डाॅ0 श्री राजेन्द्र प्रसाद जी भारतीय गणतांत्र्ाित संघ के अध्यक्ष और प्रथम राष्ट्रपति बने और अपना प्रथम कार्यकाल प्रारम्भ किया। संविधान सभा को भारत के नए संविधान के प्रावधानों के तहत गणतंत्र्ा भारत की संसद के रूप में गठित किया गया। हमारे भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान हैं। यह तारीख 26 जनवरी 1950 इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज की गई हैं।
गणतंत्र्ा दिवस 26 जनवरी को मनाने की वजह थी। वह तिथि जिस तारीख 26 जनवरी 1929 को भारतीय राष्ट्रीय काॅग्रेस द्वारा ब्रिटिश शासन द्वारा प्रस्तावित डोमियन स्थिति के विपरीत भारत की स्वतंत्र्ाता के लिए पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। और हमारे संविधान ने हमें शक्ति दी पूर्ण स्वराज की ! स्वंय की सरकार का स्वंय चुनाव कर स्वंय शासन करने की शक्ति।
गणतन्त्र्ा दिवस प्रतिनिधित्व एवम प्रतीक:-
गणतन्त्र्ा दिवस 26 जनवरी इस ऐतिहासिक दिन को हम सभी पूरे भारतवर्ष में उत्साह के साथ उत्सव के रूप में देशभक्ति के साथ मनाते हैं। मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में एवम इसके अतिरिक्त सभी राज्यों की राजधानी में देश के सभी स्कूलों और कार्यालयों में भी गणतन्त्र्ा दिवस महोत्सव उत्साह से मनाया जाता हैं। यह हमारे स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक हैं। गणतन्त्र्ा दिवस हमारे भारत के प्रति हमारी सच्ची राष्ट्र भावना का प्रतिनिधित्व करता हैं। इस तारीख के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं:- भारत के सभी राज्यों द्वारा भारत की संस्कति और इतिहास को केन्द्रित करते हुए राष्ट्रीय एवम स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शनए हमारी सैन्य परेड एवम हमारा राष्ट्रीय ध्वजए हमारा तिरंगा जो हमारे भारत की आन बान और शान का प्रतीक हैं।
गणतन्त्र्ा दिवस परेड:-
सर्वप्रथम गणतन्त्र्ा दिवस परेड का आयोजन 26 जनवरी 1950 को पहली बार भारत की राजधानी दिल्ली के इरविन स्टेडियम में हुआ था। उसके बाद से यह सिलसिला अब तक प्रतिवर्ष चला आ रहा हैं। 26 जनवरी 1950 को माननीय डाॅ0 श्री राजेन्द्र प्रसाद जी ने Government House के दरबार हाॅल में हमारे भारत देश के प्रथम राष्ट्रपति जी के रूप में शपथ ग्रहण की। इसके बाद इरविन स्टेडियम में भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारा तिरंगा फहराया। ध्वजारोहण के बाद परेड का आयोजन किया गया। सन 1950 से 1954 लगातार 4 वर्षों तक गणतन्त्र्ा दिवस परेड का आयोजन इरविन स्टेडियम पर हंआ करता था।
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First Republic Day Parade |
उसके बाद से अब तक हर वर्ष गणतन्त्र्ा दिवस समारोह राजधानी दिल्ली में राजपथ लाल किले पर आयोजित किया जाता हैं। परेड का आयोजन भारतीय रक्षा मंत्र्ाालय द्वारा किया जाता हैं। समारोह के दौरान गणतन्त्र्ा दिवस की परेड रायसीना हिल से प्रारम्भ हो कर जनपथ इण्डिया गेट से होते हुए लाल किले पर हमारे भारत के माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी को सलामी देते हुए सम्पन्न होती हैं। यह दूरी करीब 8 किलोमीटर के आस-पास होती हैं। परेड का आयोजन सूर्य की किरणों के साथ बडे पैमाने पर भव्य रूप से किया जाता हैं।

कार्यक्रम का शुभारम्भ दिल्ली के इण्डिया गेट पर अमर जवान ज्योति और राजघाट पर माननीय प्रधानमंन्नी जी एवम माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी और माननीय उप राष्ट्रपति जी द्वारा माल्यार्पण करके किया जाता हैं। फिर माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा झण्डारोहण किया जाता हैं। झण्डारोहण के बाद राष्ट्रगान गाया जाता हैं। फिर भारतीय सेनाओं के कंमाण्डर इन चीफ होने के नाते माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी का हमारी सेना के सशस्त्र जवानों द्वारा अभिवादन के साथ परेड का शुभारम्भ किया जाता है। परेड के दौरान माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी को सलामी देते हुए हमारी भारतीय सेना के तीनों अंगों:- जल सेना थल सेना वायु सेना जवान जाँबाज योद्धा हमारे सैनिक भाई अपने-2 आधिकारिक बैड के साथ मार्च पास्ट करते हुए हमारे भारत की सैन्य एवम रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करते हैं।
सभी राज्यों द्वारा विभिन्न प्रकार की झाँकियों के प्रदर्शन के द्वारा भारत की पारम्परिक और सामाजिक एवम सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया जाता हैं। अर्द्ध सैनिक बल एवम पुलिस बल के विभिन्न दल भी परेड में हिस्सा लेते है। परेड में विभिन्न स्कूलों के छान्न भी भाग लेते हैं। परेड हमारे भारतीय गणतन्त्र्ा दिवस समारोह का मुख्य आकर्षण हैं। जिसके द्वारा हमारी सम्रद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता में हमारे भारत की एकता दिखाई देती हैं। भारतीय वायु सेना के जाँबाज जवानों द्वारा लडाकू विमानों से उडान भरते हुए माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी को सलामी देते हुए एक "Fly Past" के साथ परेड का समापन होता हैं। विमानों द्वारा भारतीय झंडे के रंगों मंे छोडे गये धुए से आकाश में तिरंगा लहराने लगता हैं।
इस बार भी 26 जनवरी 2021 को हमारे 72 वें राष्ट्रीय गणतन्त्र्ा दिवस समारोह के शुभ अवसर पर नई दिल्ली में राजपथ लाल किले पर परेड का आयोजन किया जायेगा।
गणतन्त्र्ा दिवस पुरस्कार समारोह:-
गणतन्त्र्ा दिवस पर हमारे माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा नागरिकों को उनके श्रेष्ठ कार्यों के लिए हर साल विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। ये हैं पद्म पुरस्कार । इन्हें भारत रत्न ( भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) के बाद दूसरे सबसे बडे नागरिक पुरस्कार का सम्मान प्राप्त हैं। ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिये जाते हैं।
1 प्रथम पद्म विभूषण (असाधारण एवम विशिष्ट सेवा के लिए )
2 द्वितीय पद्म भूषण (एक उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा के लिए )
3 तृतीय पद्म श्री (प्रतिष्ठित सेवा के लिए )
ये सभी पुरस्कार गणतन्त्र्ा दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन में वितरित किये जाते हैं। गणतन्त्र्ा दिवस की पूर्व संध्या पर ही माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी अपने उद्बोधन से राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
इन पुरस्कारो के अतिरिक्त गणतन्त्र्ा दिवस पर झण्डारोहण और राष्ट्रगान के पश्चात् माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा हमारे सैनिकों को उनकी उच्चतम श्रेणी की वीरता प्रदर्शित करने के लिए पुरस्कृत करते हैं। ये पुरस्कार सैनिकों को राष्ट्र की रक्षा के लिए दिए उनके सर्वोच्च बलिदान और अतुलनीय योगदान के लिए दिये जाते हैं। ये पुरस्कार हैं:-
परम वीर चक्र
वीर चक्र
महावीर चक्र
साथ ही गणतन्त्र्ा दिवस पर निस्वार्थ: बलिदान के साथ वीरतापूर्ण असाधारण कार्य करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्र्ाी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार वितरित किये जाते हैं।
गणतन्त्र्ा दिवस बीटिंग रिट्रिट समारोह:-
बीटिंग द रिट्रिट समारोह एक बहुत ही पुरानी सैन्य परम्परा हैं। सूर्यासत के समय युद्ध विराम के पश्चात् जब सेनायें शिविरों में वापस लौटती थी। तब अस्त्र-शस्त्र को उतार कर सम्मान के साथ उनके उचित स्थान पर रख दिया जाता था। झण्डे नीचे उतार दिये जाते थे। यह समारोह हमें उसी समय की याद दिलाता हैं।
यह समारोह भी 1950 से ही मनाया जा रहा हैं। सर्वप्रथम भारतीय सेना के जाँबाज मेजर राॅबर्टस ने सामूहिक बैंड के साथ स्वदेशी रूप में समारोह का आयोजन किया था। हर साल 29 जनवरी को गणतल्त्र्ा दिवस समारोह के 4 दिवसीय जश्न के अन्तर्गत बीटिंग द रिट्रिट समारोह का आयोजन किया जाता हैं। समारोह के मुख्य अतिथि माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी होते हैं। उनके अंगरक्षक उन्हंे सलामी देते हैं। भारत का राष्ट्रीय गान बजाया जाता हैं। इसके बाद भारतीय सेना के सामूहिक बैंड वादन के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता हैं। समारोह राष्ट्रीय गर्व की घटना के रूप में मनाया जाता हैं। सेना के सैन्य बैंड विभिन्न भारतीय धुनों पर बैंड वादन के साथ अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
गणतन्त्र दिवस आत्मवलोकन एवम स्व-विचार:-
गणतन्त्र दिवस और स्वतन्त्रता दिवस हमारे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। यह हमारे स्वाभिमान और स्वतन्त्रता के प्रतीक हैं। हम अपनी सम्रद्ध सांस्कृतिक विरासत और बहुआयामी विविधता के साथ विश्व की सबसे प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। समय के साथ अपने आप को बदलते हुए हमनें अपनी इस धरोहर को सहेज कर रखा है। स्वतन्त्रता के पश्चात् हमने सभी क्षेत्रों में बहुआयामी प्रगति की है। और सह सब सम्भव हुआ है। उन अनगिनत शहीदों के कारण जिनके त्याग और बलिदान के कारण हमें एक स्वतन्त्र और गणतन्त्र भारत में आजादी और सम्मान के साथ जीने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन सभी को हमारा कोटि-2 नमन। हमारा कर्तव्य है कि उनके आदर्शों पर चलते हुए हम अपने गणतन्त्र भारत की एकता अखण्डता स्वाभिमान और संप्रभुता को संगठित रखते हुए निरन्तर प्रगति पथ पर आगे बढते रहे। और उन सबका एवम अपने देश का नाम विश्व पटल पर सदा जगमगाता रहे।
जय हिन्द जय भारत
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक-2 शुभकामनायें
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