मंगलवार, 10 नवंबर 2020

A Day of Friendship

    / एक दिन दोस्ती का

                                                                                श्री

                                                                         

प्रस्तावना 

यह कहानी हैं प्याार की इकरार की किस्मत की भरोसे की ।


कहानी

उस दिन मानव बहुत ज्यादा ही परेशान था। आज भी सारा दिन इन्टरव्यू देने में ही बीत गया। थका.हारा रात को अपने स्कूटर पर घर लौट रहा था कि अचानक किसी कारण से उसका स्कूटर फिसलकर एक घर के अन्दर जा घुसा। और वह बेहोश हो गया। चूकिं रात ज्यादा थी और घर से सभी लोग सो चुके थे। इसलिये कोई बाहर नही आया। सुबह जब ऑख खुली उसने खुद को किसी अनजान घर में पाया। पहले खुद को सम्भाला फिर स्कूटर को खडा किया। उसे किसी तरह की कोई चोट नही लगी थी लेकिन वो थकान महसूस कर रहा था इसलिए वो एक दीवार के सहारे बैठ गया। तब ही उसे कुछ बच्चों की आवाजें सुनाई दी। आवाजें दीवार के ऊपर बनी खिडकी में से आ रही थी। 



उसने देखा 2 बच्चे रसोईघर में आपस में मिठाई खाने के लिए झगड रहे थे। । एक का नाम श्याम 10 साल काए दूसरे का नाम अक्षर 7 साल का। तब ही वहॉ पर दीक्षा आई जो अक्षर की मॉ थी और श्याम की मौसी। दोंनों अपनी ही जिद पर अडे थे। दीक्षा ने श्याम को समझाया कि वो बडा है और उसकी मॉ अवनी भी तो अक्षर को तुमसे ज्यादा प्यार करती हैं तो तुम्हें अक्षर को पहले मिठाई खाने देनी चाहिये और अक्षर को समझाया कि बडे भाई से लडते नही है बडों का कहना मानते हैं। ठीक हैं। ऐसा कह कर दोंनों ने एक.दूसरे को गले लगाया और बॉट कर मिठाई खाई।


 ये सब मानव खिडकी से देख रहा था तब ही एक आवाज ने उसका ध्यान खींचाए क्यों भई सुबह.2 आ गये टयूशन पढने । सालभर तो पढाई करते नही और Exam के समय शार्टकट ढूढते हो। 

मानव ने कहा। जी मैं टयूशन पढने नहीं आया ओर उसने रात की सारी बात बता दी । ओह। सॉरी मेरा नाम मनन हैं। मानव ने अपना नाम बताया। मनन बोला. मुझे लगा तुम टयूशन पढने आये हो। मानव.तुम टीचर हो। मनन.नही प्राइवेट टयूशन पढता हूॅ। पार्ट.टाइम  Insurance  का काम करता हूॅ और मेरी एक  Photocopy & Cyber Cafe  की शॉप हैं। और तुम। मानव बोला. अभी तो बेरोजगार हूॅं पिछले कुछ महीनों से। पॉच साल से अच्छी खासी जॉब थी। लेकिन कोविड की वजह से जॉब चली गई। अब 5.6 महीने से जॉब सर्च कर रहा हूॅं। कल भी मैं  Interview देकर वापस घर लौट रहा था। तब ही यह सब हुआ। वा अब मैं चलता हूॅ। दोंनों ने  Mob.No.  exchange  किये। मानव अपने घर चल दिया। मनन अपनी शॉप पर । 



मनन की शॉप एक कॉलोनी में बने पम्प हाऊस के एक कमरे में थी। जिसके बाहर एक छोटा सा बरामदा था। जब मनन शॉप पर पहुॅचा तो देखा वहॉ एक लडकी बैठी थी। दुल्हन बनी उस लडकी को देख मनन चौंका। उसने पूछा. आप कौन और यहॉ कैसे।  उसने अपना नाम श्रुति बताया। श्रुति ने कहा. वो अपनी शादी से भाग कर आई है। Please Help me ! मनन असमंजस में था कि वो क्या करे। उसकी स्थिति को भॉप कर श्रुति ने कहा। Don't worried ! आप को कोई परेशानी नहीं होगी। मनन शॉप का दरवाजा खोलकर कुर्सी ले कर आया। दोंनों बैठे। मनन बोला. कहिए मैं आप की क्या मदद कर सकता हूॅ। 

श्रुति बोली- मैं एक मिडिल क्लास फैमिलि से हूॅ। मेरे पापा एक प्राईवेट स्कूल में अध्यापक हैं। मैंनें भी अपनी Schooling  उसी स्कूल से की हैं। स्कूल में मेरे साथ रोहन भी पढता था। We had best friend & our friendship was famous in campus.  रोहन के पापा एक  Businessmen  हैं और मेरे पापा के Childhood friend भी । इसलिए Graduation के बाद हमारी  Family  ने हम दोंनों की सगाई तय कर दी। Because we like each-other  इसलिए हम भी सहमत थे। 





सगाई के बाद रोहन  MBA  के लिए  Abroad  चला गया और मैं अपनी डॉ0 की पढाई में  Busy  हो गई। हम लगातार एक.दूसरे में सम्पर्क में थे। इसी तरह 4 साल हो गये । MBA  पूरा करने के बाद रोहन की वहीं एक अच्छी कम्पनी में जॉब लग गई। मेरा   MBBS  पूरा होने में अभी एक साल बाकी था। एक दिन अंकल घर आये और पापा से मेरे और रोहन की शादी की बात की । पापा ने  MBBS  पूरा होने तक रुकने को कहा। अंकल ने कहा. शादी के बाद भी पूरा कर सकती है। श्रुति मेरी भी बेटी ही हैं बस बहू बनकर अपने इस घर से अपने उस घर जा रही हैं। पापा राजी हो गये। अकंल ने रोहन को भी बुला लिया।




शादी का दिन भी आ गया। हम सभी बारात का वेट कर रहे थे। तभी अकंल एक खत लेकर पापा के पास आये। मुझे माफ कर दे यार। कहते हुए पापा को खत थमा दिया। खत पर मेरा नाम लिखा था। पापा ने खत मुझे दिया । 

 

खत में लिखा था. 

 Shruti,    

          I am sorry मैं तुम्हें बताना चाहता था। लेकिन कह नही पा रहा था। । Abroad  में  Job  करते समय मुझे Jenny से प्यार हो गया। वो मेरे ही Office में थी । साथ में काम करते हुए हम एक.दूसरे को पसंद करने लगे । और हमने विवाह कर लिया । पापा से कहने की हिम्मत नहीं थी । इसलिए तुम्हें खत के जरिये बता रहा हूॅं । We are best friend but I can't face you. So, I am Sorry again  की इस वक्त मैं तुम्हें यह बता रहा हूॅं । Hope you Understood me.  मैं आज रात की Flight से जा रहा हूॅं ।

                                                                                                              

                                                                                                                Rohan


क्रमश:-

दूसरे भाग में 

मनन ने श्रुति की मदद कैसे की । क्या उसने मानव की हेल्प ली । मानवए मनन और श्रुति आपस में दोस्त बने ?


To Read Part 2nd:-




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