/ एक दिन दोस्ती का
भाग 2
पहले भाग में आपने पढा :-
कि कैसे मानव और मनन आपस में मिले। मानव फिलहाल बेरोजगार हैं और मनन एक शाॅप चलाता हैं। दोंनों एक.दूसरे को परिचय देते है। मानव अपने घर चला जाता है और मनन अपनी शाॅप पर। शाॅप पर उसे श्रुति मिलती है। जो अपनी शादी छोड कर आई है। श्रुति मनन को अपनी कहानी बताती हैं कि रोहन जो उसके बचपन का दोस्त और मंगेतर था। शादी के ऐन वक्त भाग जाता हैं। और हेल्प करने को कहती हैं।
आगे की कहानी :-
कहानी सुनाते समय श्रुति की आॅखे भर आई। मनन ने उसे रूमाल दिया। आॅंसू पोंछते हुये श्रुति बोली:- मैं एकदम Shocked थी ! कि मेरे बचपन का दोस्त मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकता हैं। बचपन से जो हर छोटी से छोटी बात मुझसे Share करता था। उसने इतनी बडी बात मुझसे छुपाई। और बताया भी तो ऐसे वक्त पर जब लाइफ का सबसे Important Moment सामने था। शादी कोई हॅसी.खेल थोडी हैं। लेकिन रोहन ने शादी को मजाक बना दिया था। मुझे उससे मिलना था। तो पापा से इजाजत लेकर मैं Airport के रवाना हो गई। Airport पहुॅच कर मैंनें पता किया तो रोहन कि Flight में अभी टाइम था। रोहन Airport Lounge मे मुझे मिल गया।
मुझे देखकर रोहन चैंक गया। तुम यहाॅ ? श्रुति:- तुमने क्या सोचा था। बिना मिले ही चले जाओगे। बचपन की दोस्ती, प्यार, सब भुला दिया तुमने, किसी का कोई मोल नही तुम्हारे लिए। रोहन:- मैं जानता हॅू ! मुझसे बहुत बडी गलती हुई हैं। I Apologize. मैं तुम्हें सब बताना चाहता था। लेकिन कभी हिम्मत नही जुटा सका। MBA के बाद जिस कम्पनी में मुझे जाॅब मिला उसी में वो भी पहले से काम करती थी । वही हम पहली बार मिले। जल्द ही हम दोस्त बन गये और साथ काम करते-2 पता ही नही कब हम एक.दूसरे के बहुत करीब आ गये। हम एक.दूसरे को पसंद करने लगे। हमे एक.दूसरे की आदत सी हो गई थी। Like made for each-other. और एक दिन उसके Parents ने शादी के लिए पूछा ! तो मैं मना नही कर पाया। और हमनें शादी कर ली ।
श्रुति:- तुमने उसे हमारे बारे में बताया। रोहन:- बस यही की हम अच्छे दोस्त हैं। श्रुति:- हमारी सगाई और शादी के बारे में। रोहन:- बताना चाहता था पर कभी कह नही पाया। श्रुति:- मतलब तुमने हम दोंनों को धोखे में रखा। इतना कहते ही रोहन गुस्से से बोला! मैंनें किसी को धोखा नही दिया। मेरे भी कुछ सपने थे। मैं भी Life में कुछ बनना चाहता था। यहाॅ रहकर मैं Life को Spoil नहीं करना चाहता था। मुझे Abroad जाना था। पापा ने कहा. श्रुति से शादी कर लो। मैंनें कहा. मुझे कुछ बनना चाहता हॅू। अभी बहुत कुछ करना चाहता हॅू। उन्होंनें कहा. सगाई ही कर लो। मैं मान गया। मुझे बस यहाॅ से जाना था। श्रुति. मतलब तुमने मेरा इस्तेमाल किया। मेरे प्यार और दोस्ती को एक सीढी की तरह Use किया। तुम तो वाकई एक Perfect Businessman हो।
रोहन. मैं यह सब नहीं करना चाहता था। तुम्हें कोई धोखा नहीं देना चाहता था। लेकिन मेरे पास कोई Option नहीं था। मैंनें तुम्हें कई बार बताने की कोशिश की पर कभी कह नही पाया। इसलिए तुमसे बिना मिले ही जा रहा था। मैंनें यह सब अभी तक पापा.मम्मी को भी नहीं बताया हैं। पापा ने मुझे मिलने के बहाने से बुलाया था। यहाॅ आने पर मुझे शादी के बारे में पता चला। वो मुझे Surprise देना चाहते थे मगर मैं Shocked था। क्योंकि मैं यह शादी नहीं कर सकता था।
अगर पहले से पता होता तो मैं आता ही नही। इसलिए मैं जा रहा हॅू। मेरी वजह से तुम्हें इस Situation और Problem का सामना करना पडा। तुम्हारा दिल टूट गया। इसके लिए मैं जितनी बार भी Sorry कहॅू कम हैं। मेरा ऐसा कोई इरादा नही था। मैं तुम्हारी Life को Disturbed नहीं करना चाहता था। हम हमेशा अच्छे दोस्त रहेंगें अगर तुम समझो तो। शायद मैं कभी तुम्हारे किसी काम आ सकॅू।इतने में रोहन की Flight Announce हो गई। रोहन. अब मुझे जाना होगा। मुझे भूल जाना। हो सके तो मुझे माफ कर देना। इतना कहते हुए रोहन चला गया।
श्रुति. मैं रातभर Airport Lounge में बैठी रही। घर जाने का मन नही था। पापा.मम्मी की बहुत Calls आ रही थी पर मैंनें बात नही की। सुबह Airport से बाहर आ कर टैक्सी ली । टैक्सी ड्राईवर- कहाँ जाना हैं। मैंनें कहाः- आप चलिए तो मैं बताती हँू। टैक्सी चल दी। लगभग 1 घंटे तक टैक्सी वाला चलता रहा। ड्राईवर- आपको जाना कहाँ हैं। मैंनें कहा- मुझे आगे कहीं उतार दे। ड्राईवर- आप Address भूल गई हैं या पहली बार आई हैं। कोई परेशानी हैं तो बताईए। मैंनें कहा- कोई परेशानी नहीं हैं। आप मुझे यही उतार दीजिये। ड्राईवर ने टैक्सी रोक दी- लेकिन मेरे पास किराये के पैसे नहीं थे।
ड्राईवर ने कहा- अगर आप मुझे अपना Address दे तो मैं आप घर छोड देता हँू और आप मुझे पैसे भी दे देना। मैंनें कुछ नहीं कहा। ड्राईवर बोला- ठीक हैं। आप नहीं बताना चाहती तो आपकी मर्जी। आप यहाँ उतर जाये। यह यहाँ पर मनन भैया की Shop हैं। अभी थोडी देर में वो आते ही होंगें। हो सकता हैं वो आपकी कुछ मदद कर सके। उनसे कहना- मैंनें आपको यहाँ छोडा हैं। विकास नाम का लडका उनके यहाँ Tuition पढता हैं। मैं उसका पापा हूँ। मैंनें पूछा- आपका किराया। ड्राईवर- कोई बात नहीं बाद में फिर कभी दे देना। मैंनें उसे अपना कंगन देना चाहा पर उसने मना कर दिया। और मुझे यहाँ उतार कर वो चला गया। इस तरह मैं यहाँ पर आई।
मनन- ok! कोई बात नहीं उसे पैसे मैं दे दूगां। अब कहिए- मैं आपकी कैसे और क्या मदद कर सकता हूँ। श्रुति- मेरा MBBS पूरा होने में अभी एक साल बाकी है। मैं अब और अपने Parents पर बोझ नहीं डालना चाहती। पहले ही मेरी पढाई और शादी की तैयारी पर वो काफी खर्चा कर चुके हैं। मैं Self कुछ करना चाहती हूँ। MBBS पूरा करने के साथ-2 मैं Job करना चाहती हूँ। ताकि मैं अपना और अपनी पढाई का खर्चा खुद ही वहन कर सकूं। पर अभी Tension के कारण मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा हैं। बस इस बारे में ही आप से थोडी Help और Guidance चाहिये।
मनन- वैसे आपकी मर्जी। मुझसे जो भी मदद होगी मैं जरूर करूंगा। लेकिन मेरी राय हैं- आपको अपने घर लौट जाना चाहिए। आपके Parents तो आपसे नाराज हैं ही नहीं ना। फिर आप क्यों उनसे दूर रहना चाहती हैं। आपको इस तरह देखकर वो और ज्यादा परेशान होंगें। अपनी बेटी को ऐसी स्थिति में देखकर क्या उन्हें अच्छा लगेगा ? श्रुति- आपकी बात सही हैं। लेकिन उनकी खुशी के लिए ही मैं यह सब करना चाहती हूँ। मेरी एक छोटी बहन भी हैं। अभी उसकी पढाई और शादी की जिम्मेदारी भी पापा पर हैं। मेरा ऐसा करने से मैं अपनी और Family दोंनों की Help कर पाऊँगी। और Family साथ रहकर मैं उन्हें रोज-2 Guilty फील नहीं करवाना चाहती।
मनन- ठीक है। चलिए पहले आप Fresh हो कर Change कर लिजिये। और फिर कुछ Breakfast या Lunch जो भी आप लेना चाहे। लेकिन इसके लिए आपको मेरे घर चलना होगा। अगर आप ठीक समझे तो। मैं अपने भैया-भाभी के साथ रहता हूँ। श्रुति- मुझे आप पर पूरा विश्वास हैं। और वैसे भी अब तो आप को ही मेरी मदद करनी हैं। जी चलिए। मनन ने अपना Shop Lock किया। और दोंनों मनन के घर चल दिये। घर आ कर मनन ने श्रुति को अपनी भाभी और दीक्षा से मिलवाया। श्रुति को दीक्षा अपने साथ अपने रूम में ले गई। दीक्षा ने श्रुति को अपने कपडे दिये। मनन ने अपनी भाभी अवनी को श्रुति की पूरी कहानी बता दी। अवनी Breakfast बनाने लगी। मनन ने मानव को फोन किया और मिलने बुलाया। इतने में Fresh और Change के बाद श्रुति दीक्षा के साथ आई। Breakfast के बाद मनन ने अपनी भाभी से कहा- श्रुति को किसी से मिलाना हैं। तो हम मिलकर आते हैं। इजाजत लेकर दोंनों चल दिये। रास्ते में मनन ने श्रुति को मानव के बारे में बताया।
क्रमश:-
आगे के भाग में:-
मनन और मानव ने श्रुति की मदद कैसे की। आगे जानेंगें:- मनन और मानव की कहानी। श्रुति ने अपना MBBS पूरा किया या नहीं। मानव की Job का क्या हुआ। मानव मनन और श्रुति की दोस्ती के बारे में।
To Read Part 1st:-